नमस्कार दोस्तों, आज हम इस लेख में जानेंगे की Cloud Computing क्या है,Types of Cloud Computing, कैसे काम करता है ,फायदे और नुकसान ,Cloud Computing की सेवाएँ इत्यादि। यह blog बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है | इस blog को आप पूरा पढ़े। तो बिना आपका समय बर्बाद किए ,चलिए जानते हैं Cloud Computing के बारे मे|
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Cloud computing एक तकनीक (Technology) है जिसमें आपके डेटा और ऐप्लिकेशन्स को इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन रख सकते हैं। यह आपको अपने डिवाइस में स्टोर-स्पेस की चिंता से मुक्ति देता है। यानि इसमें आपके डेटा और सॉफ़्टवेयर को आपके डिवाइस के बजाय ,दूसरे सर्वर्स पर upload और download किया जाता है। और उन्हें वेब ब्राउज़िंग (website ) या Mobile cloud storage app के के जरिए उपयोग किया जा सकता है। आप इंटरनेट के माध्यम से इन सर्वर्स से अपने डेटा और सॉफ़्टवेयर को upload और download कर उपयोग कर सकते हैं, जिससे आपको अपने डिवाइस पर स्थानीय रूप से इन्स्टॉल करने की आवश्यकता नहीं होती है।
सोचिए, जैसे कि आपने कोई Files (photo,video ,software file इत्यादि),अपलोड किया है अपने स्मार्टफ़ोन से। यदि आपकी Files क्लाउड में स्टोर किया हुआ है, तो आप उसे किसी भी ऑनलाइन डिवाइस (mobile ,computer) से देख सकते हैं
यह न केवल काम आसान बनाता है, बल्कि सुरक्षा भी बढ़ाता है। आपकी जानकारी सुरक्षित रहती है क्योंकि इसे बहुत अच्छे तरीके से Encrypt किया जाता है जिससे कोई अनधिकृत उपयोग नहीं कर सकता।
इसके अलावा, जहाँ चाहें, जब चाहें अपने डेटा का उपयोग कर सकते हैं। आपको बस इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता है और आप आराम से अपने ऑनलाइन खाते में लॉग इन कर के अपनी files का उपयोग कर सकते है।
Cloud Computing कैसे काम करता है
Cloud computing काम को समझने के लिए, आप इसे एक बड़े डेटा सेंटर की तरह सोच सकते हैं, जो इंटरनेट के ज़रिए आपके कंप्यूटर या डिवाइस से जुड़ा होता है।
1. डेटा संग्रहण (Data Storage): सबसे पहले, डेटा सेंटर में बड़े सर्वर्स (विशेष तरीके से डेटा के लिए डिज़ाइन किए गए कंप्यूटर) होते हैं जिनमें आपके डेटा को संग्रहित(stored) किया जाता है। यहाँ विशेष सुरक्षा और डेटा सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है।
2. अनुरोध और पहुँच (Request and Access): जब आप अपने कंप्यूटर या डिवाइस से क्लाउड सेवा का उपयोग करना चाहते हैं, तो आप इंटरनेट के माध्यम से उस सर्वर्स तक पहुँचते हैं।
3. प्रसंस्करण (Processing): सर्वर्स आपके अनुरोध को Process करते हैं और जवाब देते हैं। यहाँ आपकी मांग के हिसाब से डेटा को प्राप्त किया जाता है और उपयोगकर्ता(user) request द्वारा डेटा को प्रस्तुत किया जाता है।
4. प्रतिक्रिया (Response): सर्वर्स user के डिवाइस को डेटा भेजते हैं, जिससे आप उस डेटा का उपयोग कर सकते हैं।
5. सुरक्षा (Security): डेटा के लिए सुरक्षा और गोपनीयता का ध्यान रखा जाता है, जिसमें डेटा एन्क्रिप्शन, अधिक उपयोगकर्ताओं के लिए अनुमति, और अन्य सुरक्षा मार्गदर्शन शामिल होते हैं।
6. स्केलेबिलिटी (Scalability): क्लाउड सेवाएँ जरूरत के हिसाब से स्केल कर सकती हैं, जिससे आपके बदलते आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलती हैं।
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Types of Cloud Computing ( क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार )
क्लाउड कंप्यूटिंग के कई प्रकार हैं जो विभिन्न उपयोगों और आवश्यकताओं के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। यहाँ कुछ मुख्य क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार हैं:
1. सार्वजनिक क्लाउड (Public Cloud): इस प्रकार की क्लाउड सेवाएँ उस कंपनी द्वारा प्रदान की जाती हैं जिसने इन्फ्रास्ट्रक्चर की साझा सेवाएँ उपलब्ध की हैं। यह सभी उपयोगकर्ताओं के लिए खुली होती है और उन्हें आवश्यकता के हिसाब से संसाधनों का उपयोग करने की अनुमति देती है।
2. निजी क्लाउड (Private Cloud): यह क्लाउड सेवा किसी निजी कंपनी या संगठन के लिए होती है, जिसमें उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की जाती है। यह सेवा संगठन की खासतौर पर तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए होती है और सुरक्षा के मामूले में अधिक निजी होती है।
3. हाइब्रिड क्लाउड (Hybrid Cloud): यह क्लाउड सेवा Public Cloud और Private Cloud का एक मिश्रित रूप है। यह उपयोगकर्ताओं को आवश्यकता के अनुसार डेटा और ऐप्लिकेशन्स को स्थानीय रूप से या सार्वजनिक क्लाउड में स्टोर करने की अनुमति देती है।
4. समाचार क्लाउड (Community Cloud): यह क्लाउड सेवा कुछ विशेष समुदायों या संगठनों के लिए होती है, इसमें विशेष Community के सभी सदस्यों को एक साझा प्लेटफ़ॉर्म मिलता है जहाँ वे डेटा और ऐप्लिकेशन्स को साझा कर सकते हैं।
5. फ़ंक्शन एस-एस-एस (Function as a Service – FaaS): इस प्रकार की क्लाउड सेवा में, उपयोगकर्ता केवल अपनी ऐप्लिकेशन के फ़ंक्शन को अपलोड करते हैं जो उन्हें चालू करना होता है। यह व्यापारिक लोज़िक को स्थानीय रूप से मैनेज़ करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
6. स्टोरेज एस-एस-एस (Storage as a Service – SaaS): इस प्रकार की सेवा में, आप अपने डेटा को इंटरनेट के माध्यम से संग्रहित कर सकते हैं। यहाँ पर आपको स्थानीय स्टोरेज की चिंता नहीं होती, क्योंकि आप उसे ऑनलाइन संग्रहित कर सकते हैं।
7. डेटाबेस एस-एस-एस (Database as a Service – DBaaS): इस प्रकार की सेवा में, डेटाबेस संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी संगठन के द्वारा ली जाती है, जिससे उपयोगकर्ता केवल डेटा का उपयोग कर सकते हैं ।
8. सीक्योरिटी एस-एस-एस (Security as a Service – SecaaS): इस प्रकार की सेवा में, सुरक्षा सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्ध होती हैं जो उपयोगकर्ता की जानकारी और डेटा की सुरक्षा को संरक्षित करने में मदद करती हैं।
9. नेटवर्क एस-एस-एस (Network as a Service – NaaS): इस प्रकार की सेवा में, नेटवर्क के संचालन की जिम्मेदारी उपयोगकर्ता के द्वारा ली जाती है, जिससे वह अपनी जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं।
ये थे कुछ क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार, जो विभिन्न उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।
Cloud Computing के फायदे और नुकसान
Cloud Computing के फायदे:
मापनीयता (Scalability) : क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से आप आसानी से अपनी सेवाओं और संसाधनों को स्केल कर सकते हैं, जिससे आप बदलती आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
संग्रहण की आवश्यकता नहीं (No Storage Concerns) : आपके डेटा और ऐप्लिकेशन को लोकल स्टोरेज की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि वे इंटरनेट के माध्यम से संग्रहित होते हैं, जिससे Storage की चिंता कम होती है।
सरल उपयोग (Accessibility) : क्लाउड सेवाओं का उपयोग किसी भी स्थान से किया जा सकता है, जब भी आवश्यकता होती है, केवल इंटरनेट कनेक्शन चाहिए बस।
सहयोगी सेवाएं (Collaborative Services) : क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म विभिन्न सेवाओं को एक साथ इंटीग्रेट करने में मदद कर सकता है, जैसे कि gaming,वेब होस्टिंग, डेटाबेस, सुरक्षा सेवाएँ, और अन्य सेवाएँ।
अपडेट और बैकअप (Updates and Backups) : क्लाउड सेवा प्रदाता अपने सर्वर्स को नियमित रूप से अपडेट करते हैं और आपके डेटा की बैकअप बनाते हैं, जिससे आपके डेटा की सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार होता है।
Cloud Computing के नुकसान:
सुरक्षा संकट (Security Issues) : व्यक्तिगत और व्यवसायिक डेटा क्लाउड में संग्रहित होता है, इसका मतलब है कि जब हम अपने डेटा को इंटरनेट के जरिए क्लाउड में रखते हैं, तो इसकी सुरक्षा में चुनौतियाँ हो सकती हैं। यदि Cloud सेवा प्रदाता (cloud services companies) सुरक्षित नहीं है, तो हमारा डेटा खतरे में हो सकता है।
डेटा सुरक्षा का खतरा (Data Security Risks) : क्लाउड सेवाओं का उपयोग करते समय, अगर आपका इंटरनेट कनेक्शन सुरक्षित नहीं होता, तो आपके डेटा का चोरी होने का खतरा हो सकता है.
डेटा पहुँच की समस्याएँ (Accessibility Issues) : विशाल स्टोरेज डेटा सेंटर के बावजूद, अगर आपका इंटरनेट कनेक्शन टूट जाता है, तो आपके डेटा तक पहुंचने में समस्याएँ हो सकती हैं।
डेटा महत्वपूर्ण (Data Privacy Concerns) : कुछ देशों में, क्योंकि डेटा बहुत महत्वपूर्ण होता है, वहाँ क्लाउड सेवाओं का उपयोग करने में प्रतिबंध लगा दिया जा सकता है।
नेटवर्क डेले (Network Delay : डेटा क्लाउड से प्राप्त होता है, तो नेटवर्क डिले का खतरा हो सकता है, जिससे उपयोगकर्ता का अनुभव प्रभावित हो सकता है।
निजी जानकारी का खतरा (Privacy Risks) : अगर आपका क्लाउड खाता हैक हो जाता है, तो आपकी निजी जानकारी चोरी हो सकती है, जो आपके लिए बड़ी समस्या बन सकती है।
संग्रहण सीमा (Storage Limitations) : क्लाउड स्टोरेज की सीमा होती है, इसलिए अगर आपकी डेटा की मात्रा बड़ी है, तो यह महत्वपूर्ण हो सकता है और आपको अधिक स्टोरेज के लिए भुगतान करना पड़ सकता है।
अपलोड और डाउनलोड समय (Transfer Time) : बड़े फ़ाइलों को अपलोड और डाउनलोड करने में समय लगता है, खासकर अगर इंटरनेट कनेक्शन स्लो हो तो।
क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे और नुकसान उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं और सुरक्षा सावधानियों के साथ आते हैं, इसलिए उपयोगकर्ता को अपनी आवश्यकताओं और सुरक्षा के साथ क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करना चाहिए।
क्या आप जानते है : Near-field communication के बारे मे ?
Cloud Computing के लिए कई प्रकार की सेवाएँ (एप्लिकेशन्स, और सॉफ़्टवेयर) उपलब्ध हैं
जो विभिन्न उद्योगों और उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं।
Amazon Web Services (AWS): AWS दुनिया की सबसे बड़ी क्लाउड सेवा प्रदाता है और विभिन्न सेवाएँ जैसे कि वर्चुअल मशीन, डेटाबेस, ऑब्जेक्ट स्टोरेज, और कई अन्य क्लाउड सेवाएँ प्रदान करता है।
Microsoft Azure: Azure Microsoft की क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म है जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर सेवाएँ, एप्लिकेशन सेवाएँ, डेटा सेवाएँ, और मशीन लर्निंग सेवाएँ शामिल हैं।
Google Cloud Platform (GCP): GCP गूगल की क्लाउड सेवा प्लेटफ़ॉर्म है जिसमें विभिन्न सेवाएँ जैसे कि कंप्यूट, स्टोरेज, डेटाबेस, मशीन लर्निंग, और डेटा एनालिटिक्स उपलब्ध हैं।
IBM Cloud: IBM की क्लाउड सेवा प्लेटफ़ॉर्म में डेटा स्टोरेज, डेटाबेस, और अन्य सेवाएँ शामिल हैं जो विभिन्न उद्योगों के लिए उपलब्ध हैं।
Salesforce: Salesforce एक सीआरएम (Customer Relationship Management) सेवा प्रदान करने के लिए कंपनी है जो खासतर सेल्स और कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (CRM) सेवाओं को प्रदान करती है।
Dropbox: Dropbox एक ऑनलाइन स्टोरेज सेवा है जिसका उपयोग फ़ाइल संग्रहण और साझा करने के लिए किया जा सकता है।
Mega Limited:Mega Limited एक ऑनलाइन संग्रहण और फ़ाइल साझा करने की कंपनी है जो क्लाउड स्टोरेज और सुरक्षित फ़ाइल संग्रहण सेवाओं का प्रदान करती है।
Slack: Slack एक मैसेजिंग और कोल्लेबोरेशन प्लेटफ़ॉर्म है जो विभिन्न उपयोगकर्ताओं को टीम काम के लिए जोड़ता है।
Adobe Creative Cloud: Adobe Creative Cloud ग्राफ़िक्स, डिज़ाइन, और मल्टीमीडिया सॉफ़्टवेयर का संग्रहण और उपयोग करने के लिए है, जैसे कि Photoshop, Illustrator, InDesign, आदि।
Oracle Cloud: Oracle Cloud में इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटाबेस, डेटा एनालिटिक्स, और अन्य सेवाएँ हैं जो विभिन्न उद्योगों के लिए उपलब्ध हैं।
OneDrive: Microsoft का फ़ाइल संग्रहण और साझा करने का सेवा।
iCloud: Apple का संग्रहित डेटा और वॉलेट सेवा।
Trello: टीम के सदस्यों के बीच काम को संगठित रखने और प्रबंधित करने के लिए काम का प्रबंधन टूल।
Zoom: वीडियो कॉलिंग और ऑनलाइन मीटिंग्स के लिए एक लोकप्रिय टूल।
Slack: ऑनलाइन मैसेजिंग और काम के लिए टीम सहयोगी टूल।
GitHub: सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट के लिए एक कोड संग्रहण और संगठनन सेवा।
MailChimp: ईमेल मार्केटिंग सेवा प्रदान करने के लिए।
ये सिर्फ़ कुछ उदाहरण हैं और अन्य कई क्लाउड कंप्यूटिंग एप्लिकेशन और सेवाएँ भी उपलब्ध हैं जो विभिन्न उद्योगों और उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
ये कुछ प्रमुख क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएँ और सॉफ़्टवेयर हैं जो विभिन्न उद्योगों और उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं।
समाप्ति
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