नमस्कार दोस्तों, कंप्यूटर आजकल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल हो रहा है, जैसे कि विज्ञान, व्यावसायिकता, मनोरंजन, चिकित्सा, और शिक्षा। आज हम इस लेख में जानेंगे computer के बारे मे ,computer का उपयोग ,उनके कार्य फायदे और कंप्यूटर के प्रकार इत्यादि के बारे मे l यह पोस्ट बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है | इस blog को आप पूरा पढिए । तो बिना आपका समय बर्बाद किए ,चलिए जानते हैं computer क्या है।
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Toggleकंप्यूटर क्या है - what is computer ?
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो डेटा प्रोसेसिंग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मुख्य कार्य इनपुट डेटा को प्रोसेस करके आउटपुट डेटा उत्पन्न करना है।
कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है - computer full form :
Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research
यह computer की full form ,1967 में इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स संस्थान (IEEE) ने दी थी।
कंप्यूटर कैसे काम करता है ?
इनपुट : जिससे कंप्यूटर को डेटा मिलता है, जैसे की कीबोर्ड, माउस, टचस्क्रीन, और अन्य संबंधित उपकरण।
प्रोसेसिंग (CPU): यह डेटा को प्रोसेस करता है और उसे इनपुट से आउटपुट में बदलता है।
आउटपुट : जिससे प्रोसेस हुआ डेटा का परिणाम मिलता है, जैसे की मॉनिटर, प्रिंटर, और अन्य उपकरण।
कंप्यूटर के भाग :
कंप्यूटर में दो मुख्य हिस्से होते हैं
- हार्डवेयर (Hardware)
- सॉफ़्टवेयर (Software)
1. Hardware :
हार्डवेयर कंप्यूटर की फिजिकल कंपोनेंट्स को दर्शाता है, यानि कंप्यूटर के वह सभी पार्ट जिन्हे हम छु सकते है उसे हार्डवेयर कहते है। जैसे कि प्रोसेसर, स्टोरेज (hdd,ssd), इनपुट डिवाइसेस (जैसे की कीबोर्ड और माउस), और आउटपुट डिवाइसेस (जैसे कि मॉनिटर और प्रिंटर)।
हार्डवेयर के अन्दर आने वाले Devices (उपकरण) →
Input device
Processing Unit
Output device
Storage devices
1. Input device
ऐसे उपकरण होते है ,जिनके द्वारा हम कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए करते है कि उसे क्या कार्य करना है।
कुछ इनपुट डिवाइस के उदाहरण :
कीबोर्ड (Keyboard): यह टाइपिंग के लिए इस्तेमाल होता है और विभिन्न कुंजियों के माध्यम से अक्षर और संकेत देने में मदद करता है।
माउस (Mouse): इसका उपयोग स्क्रीन पर कर्सर को नेविगेट करने और विभिन्न ऑब्जेक्ट्स को चुनने के लिए होता है।
टच स्क्रीन (Touch Screen): यह एक इंटरएक्टिव डिस्प्ले होता है जिसमें उपयोगकर्ता (user) सीधे हाथ से स्क्रीन को छूकर कंप्यूटर उपकरण को नियंत्रित कर सकता है।
स्कैनर (Scanner): इसका उपयोग तस्वीरें, डॉक्यूमेंट्स और अन्य प्रिंटेड सामग्री को डिजिटल फॉर्मेट में कंप्यूटर में दर्ज करने के लिए किया जाता है।
वेबकैम (Webcam): इससे वीडियो कैप्चर और वीडियो कॉल के लिए इस्तेमाल होता है।
माइक्रोफोन (Microphone): यह उपयोगकर्ता को ध्वनि या ऑडियो को कंप्यूटर में रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है।
जॉयस्टिक (Joystick): खेलों और अन्य एप्लिकेशन्स में गेमिंग नियंत्रण के लिए इस्तेमाल होता है।
2. Processing Unit (CPU)
जिसे कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है। जो पूरे कंप्यूटर को नियंत्रित करता है। प्रोसेसिंग यूनिट (Processing Unit) एक कंप्यूटर का मुख्य भाग होता है जो डेटा को प्रोसेस करने की क्षमता रखता है जैसे कि इनपुट लेना, उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गए निर्देशों को पूरा करना, और डेटा को प्रोसेस करके आउटपुट बनाना।
इसके तीन भाग होते है।
1. Control Unit (C.U)
जितने भी उपकरण है चाहे वो input , output उपकरण हो या A.L.U, M.U कम्प्यूटर मैमोरी हो उनको नियंत्रण Control Unit करता है। मतलब हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के काम को Control ,Control Unit करता है। यानि सब काम सही से हो रहा है या नही, यह सब C.U संभालता है।
2. Arithmetic Logic Unit (A.L.U)
यह अंकगणित क्रियाएँ जैसे कि जोड़, घटाना, गुणा, विभाजन, तुलना, और लॉजिकल ऑपरेशन करने के लिए प्रयोग ली जाती है। यह मेमोरी से डेटा को पढ़कर और उस पर विभिन्न ऑपरेशन करके नतीजा प्रस्तुत करता है।
3. Memory Unit (M.U)
मेमोरी यूनिट कंप्यूटर में डेटा और निर्देशों को संग्रहित (stored) करने के लिए उपयोग होती है। इसमें Primary memory के स्टोरेज डिवाइस जैसे कि रैन्डम एक्सेस मेमोरी (RAM) और रीड-ऑनली मेमोरी (ROM) शामिल होते हैं। यह डेटा को प्रोसेसिंग यूनिट को उपलब्ध कराता है ताकि वह उसे प्रोसेस कर सके।
यह 2 प्रकार कि होती है – Primary memory और Secondary memory ।
1. Primary memory
जो CPU के साथ सीधे काम करती है, जैसे कि रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM)। इसमें स्थाई रूप से डेटा और इंस्ट्रक्शन्स स्टोर होते हैं, जो कंप्यूटर को काम करने के लिए आवश्यक हैं। इसे Main memory के नाम से भी जाना जाता है। इस memory मे किया गया कार्य तब तक रहता है जब तक कि computer मशीन on है, जैसे ही computer off हुआ memory का data मिट (erased) जाता है। इस कि कार्य क्षमता Secondary memory कि तुलना मे बहुत ज्यादा तेज होती है।
इसके भी 2 भाग होते है RAM और ROM
2. Secondary memory
जो डेटा को Permanently store करने के लिए उपयोग होती है, चाहे computer Turn off हो या on आपका डेटा हमेशा के लिए Save रहता है। Secondary memory मे l इसे Auxiliary memory के नाम से भी जाना जाता है।
जैसे कि Hard Drive, SSD, Flash, USD Drive, Optical Drive,
कंप्यूटर मेमोरी की यूनिट
यहाँ नीचे सभी मेमोरी इकाइयों कि सूची दि गई है :
मेमोरी इकाई | के बराबर |
बाइनरी डिजीट (0,1) (सबसे छोटी इकाई) | 1 Bit |
1 निब्बल (Nibble) | 4 bits |
1 बाइट (Byte) | 8 bits |
1 किलोबाइट (KB) | 1024 bytes |
1 मेगाबाइट (MB) | 1024 KB |
1 गीगाबाइट (GB) | 1024 MB |
1 टेराबाइट (TB) | 1024 GB |
1 पेटाबाइट (PB) | 1024 TB |
1 एक्साबाइट (EB) | 1024 PB |
1 जेटाबाइट (ZB) | 1024 EB |
1 योटाबाइट (YB) | 1024 ZB |
1 ब्रोन्टोबाइट (BB) | 1024 YB |
1 गिओप्बाइट (GB) | 1024 BB |
1 गूगोलबाइट (GB) | 1024 GB |
1 सागनबाइट (SB) | 1024 GB |
1 पीजाबाइट (PB) | 1024 SB |
3. Output device
यह ऐसा उपकरण है जो कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से प्राप्त होने वाली जानकारी को हमें दिखाता है। इसे एक सरल भाषा में कहें तो यह हमारे कंप्यूटर या डिवाइस से आने वाली जानकारी को दिखाने या सुनाने मे मदद करते है।
कुछ आउटपुट डिवाइस के उदाहरण :
मॉनिटर: यह एक डिस्प्ले उपकरण है जो कंप्यूटर या अन्य डिवाइस से आने वाली जानकारी को दिखाता है। यह टेक्स्ट, ग्राफिक्स, और अन्य दृश्यों को दिखा सकता है।
प्रिंटर: इसका उपयोग तस्वीरें, टेक्स्ट, या अन्य जानकारी को कागज पर प्रिंट करने के लिए होता है।
स्पीकर्स और हेडफ़ोन्स: ये उपकरण ध्वनि को सुनने के लिए होते हैं, जो कंप्यूटर, स्मार्टफोन, या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से आता है।
टीवी स्क्रीन: इसका उपयोग वीडियो, और अन्य दृश्यों को दिखाने के लिए होता है, जो विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक स्रोतों से आते हैं।
वीडियो प्रोजेक्टर: यह उपकरण बड़े स्क्रीन पर दृश्यों को प्रदर्शित करने के लिए होता है।
4. Storage devices
कंप्यूटर स्टोरेज डिवाइस वे उपकरण होते हैं जो कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में डेटा को स्थायी रूप से संग्रहित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये डिवाइस जानकारी को सुरक्षित रखने और उसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद करते हैं।
कुछ स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण :
हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive – HDD): यह एक ऐसा स्टोरेज डिवाइस है जिसमें डेटा इंटरनल डिस्क पर मैग्नेटिक धाराओं के रूप में संग्रहित होता है। ये डिवाइस बड़ी जानकारी को संग्रहित करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं।
सॉलिड स्टेट ड्राइव (Solid State Drive – SSD): ये डिवाइस बिना किसी मैग्नेटिक डिस्क के होते हैं और इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज का उपयोग करते हैं। यह HDD कि तुलना मे काफी तेज होती है।
फ्लॉपी डिस्क ड्राइव (Floppy Disk Drive): यह पुराना प्रकार का स्टोरेज डिवाइस है जों data संग्रहित करने के लिए उपयोग मे लिया जाता था।
कंपैक्ट डिस्क (Compact Disc – CD) और डीवीडी (Digital Versatile Disc – DVD): ये ऑप्टिकल डिस्क्स होते हैं जिनमें जानकारी ऑप्टिकल ट्रैक्स पर संग्रहित होती है। ये आमतौर पर मल्टीमीडिया डेटा के एकत्र के लिए उपयोग होते हैं।
Universal Serial Bus (USB) Flash Drive: ये छोटे आकार के पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस होते हैं जो कंप्यूटर में USB पोर्ट के माध्यम से कनेक्ट किए जाते हैं।
यह भी जानिए : Kernel क्या है , कैसे काम करता है ?
2. Software
सॉफ़्टवेयर कंप्यूटर पर चलने वाले प्रोग्राम्स और एप्लीकेशन्स को दर्शाता है जो हार्डवेयर के साथ मिलकर कंप्यूटर को कार्य करने के लिए सक्षम बनाते हैं। इन को छु नही सकते , ये प्रोग्राम्स होते है सॉफ़्टवेयर कहलाते है।
ये 2 प्रकार होते है।
- सिस्टम सॉफ्टवेयर (system software)
- एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application software)
1. System Software
सिस्टम सॉफ्टवेयर एक कम्प्यूटर सिस्टम को सही तरीके से काम करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य है हार्डवेयर और उपयोगकर्ता के बीच एक इंटरफेस प्रदान करना ताकि अन्य सॉफ्टवेयर आसानी से चल सके।
कुछ उदाहरण सिस्टम सॉफ्टवेयर के :
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): यह कंप्यूटर और उपयोगकर्ता के बीच एक Interface प्रदान करता है। यह कंप्यूटर हार्डवेयर को संचालित करने और अन्य सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए प्रयोग मे लिए जाते है, जैसे कि Windows, macOS, Linux, आदि।
ड्राइवर्स (Drivers): ये हार्डवेयर के साथ संवाद (communicate) करने वाले सॉफ्टवेयर होते हैं, जैसे कि प्रिंटर ड्राइवर्स, ग्राफिक्स कार्ड ड्राइवर्स, आदि।
उपकरण सॉफ्टवेयर (Utility Software): यह उपयोगकर्ता को अपने कंप्यूटर को बेहतरीन तरीके से प्रबंधित करने में मदद करते है, जैसे कि एंटीवायरस, डिस्क क्लीनर, आदि।
2. Application Software
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर विभिन्न उपयोगकर्ता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसे उपयोगकर्ता द्वारा सीधे चलाया जा सकता है और इसका उपयोग किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए किया जा सकता है।
कुछ उदाहरण एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के :
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस (Microsoft Office): इसमें वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट, प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए उपयोग होता है, जैसे कि Microsoft Word, Excel, PowerPoint, आदि।
फोटोशॉप (Adobe Photoshop): इसे ग्राफिक्स डिजाइनिंग और फ़ोटो एडिटिंग के लिए बनाया गया है।
ऑटोकैड (AutoCAD): इसका उपयोग कंप्यूटर-एडेड डिजाइनिंग (CAD) के लिए किया जाता है, जैसे कि इंजीनियरिंग ड्राइंग बनाने के लिए।
कंप्यूटर के प्रकार - types of computer
कंप्यूटर को 2 प्रकार मे बाटा जा सकता है :
एनालॉग कंप्यूटर
एनालॉग कंप्यूटर वह होते हैं जो भौतिक मात्राओं, जैसे कि वोल्टेज, धारा, या दबाव का उपयोग डेटा और गणना को दर्शाने के लिए करते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के संचार के लिए एनालॉग सिग्नल्स का उपयोग होता है।जैसे उदाहरण :यांत्रिक घड़ियां, स्पीकर, थर्मामीटर,एनालॉग घड़ियां, वाल्टमीटरआदि शामिल हैं।
डिजिटल कंप्यूटर
डिजिटल सिग्नल, 0 और 1 के रूप में डेटा और गणना को दर्शाते हैं। यानि इनमें बाइनरी का उपयोग होता है, जिसमें केवल दो स्थितियाँ हो सकती हैं – 0 और 1। जैसे उदाहरण : व्यक्तिगत कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट, आदि।
वैसे तो कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं, जो विभिन्न उद्देश्यों और उपयोग के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। यहाँ कुछ मुख्य प्रकार बताए गए है:
पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer – PC): ये कंप्यूटर व्यक्तिगत उपयोग के लिए होते हैं और आमतौर पर घरों, कार्यालयों और व्यावसायिक संगठनों में प्रयोग होते हैं।
लैपटॉप (Laptop): ये हमेशा साथ लिए जा सकने वाले पोर्टेबल कंप्यूटर होते हैं,ये हाथ में पोर्टेबल कंप्यूटिंग का संदर्भ हैं।
टैबलेट (Tablet): ये भी पोर्टेबल होते हैं और स्क्रीन के माध्यम से संदेश और डेटा प्रदर्शित करते हैं, लेकिन उनमें आमतौर पर फिजिकल कीबोर्ड नहीं होता है।
सर्वर (Server): ये कंप्यूटर होते हैं जो नेटवर्क की सेवाएं प्रदान करते हैं, जैसे की वेबसाइट, ईमेल, फ़ाइल संगठन, और डेटाबेस एक्सेस।
सुपरकंप्यूटर (Supercomputer): ये उच्च गति और उच्च प्रकार की कंप्यूटिंग क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं, जिन्हें बड़े और विशेष गणितीय कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे कि विज्ञान, अंतरिक्ष अनुसंधान, मॉडलिंग।
एम्बेडेड सिस्टम (Embedded Systems): ये साधारण उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए कंप्यूटर होते हैं, जो किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए एक स्पष्ट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कॉन्फ़िगरेशन में शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, मोबाइल फ़ोन, वाहनों के नेविगेशन सिस्टम, और घड़ी, टेलीविज़न, आदि।
मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computers): ये बड़े और उच्च क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं जो बड़ी और जटील कार्यों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि वित्तीय लेन-देन और डेटा प्रोसेसिंग।
क्वांटम कंप्यूटर (Quantum Computer): ये उच्च गति और उच्च क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं, जो क्वांटम मैकेनिक्स के सिद्धांतों का उपयोग करते हैं।
कंप्यूटर की विशेषताएं
गति (Speed): कंप्यूटर बहुत तेज गति से कार्य करते है। जिससे वे बहुत तेजी से जानकारी प्रोसेस कर सकते हैं। इसका एक उदाहरण है कि कंप्यूटर लाखों या करोड़ों गणनाओं को सेकंडों में कर सकता है।
सटीकता (Accuracy): कंप्यूटर बहुत सटीकता से काम करता है। इसके काम मे गलतियाँ बहुत कम होती हैं, और यदि होती हैं तो वे आमतौर पर मानवीय त्रुटि के कारण होती हैं। यदि डेटा सही है, तो परिणाम भी सटीक होगा।
विविधता (Versatility): कंप्यूटर विभिन्न प्रकार के कार्यों को कर सकता है। इसका उपयोग शिक्षा, मनोरंजन, व्यवसाय, वैज्ञानिक अनुसंधान आदि कई क्षेत्रों में किया जाता है।जैसे कि गणना, ग्राफिक्स प्रोसेसिंग, और अन्य कार्यों में मदद करते हैं।
स्वचालित (Automation): कंप्यूटर टास्कों को स्वचालित रूप से कर सकते हैं,इसे बार-बार निर्देश देने की आवश्यकता नहीं होती है। जिससे इंसानों को काम करने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, एक बैंक कंप्यूटर स्वचालित रूप से लेन-देन रिकॉर्ड कर सकता है।
अभिवादन (Multitasking): कंप्यूटर एक ही समय में कई कार्यों को कर सकते हैं।
अनुकूलन (Customization): कंप्यूटर को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के आधार पर अनुकूलित किया जा सकता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधा होती है।
संचार (Communication): कंप्यूटर अन्य उपकरणों और नेटवर्कों के साथ संचार कर सकता है। इसकी मदद से लोग इंटरनेट, ईमेल, संदेश, आदि का उपयोग कर सकते हैं।
कंप्यूटर के भाग और उनके कार्य (Parts Of Computer)
भाग | उदाहरण | कार्य |
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) | Intel Core i9, AMD Ryzen 9 | CPU को कंप्यूटर का "दिमाग" माना जाता है, जो पूरे कंप्यूटर को कंट्रोल करता है। |
मेमोरी (Memory) | RAM और ROM | मेमोरी, कंप्यूटर में डेटा और इंस्ट्रक्शन्स को स्टोर करने के लिए होती है। (Temporary memory) |
स्टोरेज डिवाइसेस (Storage Devices) | HDD और SSD आदि | ऑपरेटिंग सिस्टम और डेटा का स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए उपयोग होते हैं। (Permanently memory) |
ड्राइवर्स (Drivers) | ग्राफिक्स कार्ड ड्राइवर, प्रिंटर ड्राइवर | हार्डवेयर को सॉफ़्टवेयर से संवाद (communicate) करने के लिए |
Connectivity | USB 3.0, ईथरनेट पोर्ट, वायरलेस कार्ड | नेटवर्क और अन्य डिवाइस के साथ कनेक्टिविटी |
इनपुट डिवाइस (Input Devices) | कीबोर्ड, माउस, टचस्क्रीन | उपयोगकर्ता से, कंप्यूटर को जानकारी प्रदान करना |
आउटपुट डिवाइस (Output Devices) | मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर्स | कंप्यूटर से जानकारी को ,उपयोगकर्ता तक पहुँचाना |
सोफ़्टवेयर (Software) | Windows 10, Microsoft Office, Adobe Photoshop | प्रोग्रामों और निर्देशो का एक समूह है | जो कंप्यूटर सिस्टम के Software, Hardware Devices को Control और Manage करने और हमारे काम को आसान बनाने मे प्रयोग मे लिए जाते है। |
पावर (Power) | Power Supply | पावर सप्लाई उर्जा को कंप्यूटर सिस्टम में पहुँचाता है और सभी उपकरणों को आवश्यक वोल्टेज प्रदान करता है। |
performance | Graphics Card | फोटो,वीडियो एडिटिंग और गेमिंग कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए होता है |
कंप्यूटर का इतिहास
कंप्यूटर शब्द का पहला इस्तेमाल :
1613 : इतिहास मे कंप्यूटर शब्द का पहला इस्तेमाल साल 1613 में अंग्रेज लेखक रिचर्ड ब्रेथवेट (Richard Brathwait) की किताब “द यंग मैन ग्लीनिंग्स” में मिलता है। उनकी इस किताब मे एक पंक्ति है :
अबेकस :
2700 ईसा पूर्व बेबीलोन में अबेकस का आविष्कार किया गया। अबेकस जिसे काउंटिंग फ्रेम भी कहा जाता है ,यह ग्रीक शब्द ‘एबैक्स’ है जिसका अर्थ है ‘सारणीबद्ध रूप’ l प्राचीन चीन, मिस्र, रूस ,रोम, यूरोप ,यूनान और जापान में भी इसका उपयोग किया जाता था।
नेपियर बोन्स :
जिन्हें नेपियर की छड़ें भी कहा जाता है ,एक उपकरण है जिसका आविष्कार 17वीं शताब्दी की शुरुआत में स्कॉटिश गणितज्ञ जॉन नेपियर (John Napier) ने किया था। यह गुणा और भाग को सरल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। साथ ही वे नेपियर Logarithm (लघुगणक) की खोज के कारण भी जाने जाते है। ।
एनालिटिकल व डिफरेंशियल इंजन :
ब्रिटिश गणितज्ञ Charles Babbage नेसाल 1837 में पहला जनरल मैकेनिकल कंप्यूटर डिफ्रैंशियल इंजन नाम से एक मशीन बनाई। इसे कंप्यूटर को कैलकुलेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता था । Father of computer ,चार्ल्स बेबेज जिन्हे आधुनिक कम्प्यूटर का जनक भी कहा जाता है।
यहाँ से शुरू हुआ आधुनिक कम्प्यूटर इतिहास
कंप्यूटर की जेनेरशन – Generation Of Computer
पहली पीढ़ी (1946-1956):
वैक्यूम ट्यूब का उपयोग होता था I
यह विशाल आकार के भारी वजन वाले होते थे। जो अधिक बिजली खपत करते थे।
इनकी धीमी गति और सीमित कार्यक्षमता होती थी।
मुख्य उपयोग : वैज्ञानिक गणना
इस के कुछ उदाहरण जैसे कि ENIAC, Colossus, UNIVAC
दूसरी पीढ़ी (1956-1964):
ट्रांजिस्टर का उपयोग होता था I
आकार में कमी और बिजली खपत में कमी।
गति और क्षमता में वृद्धि।
मुख्य उपयोग: व्यावसायिक और वैज्ञानिक अनुप्रयोग मे ।
उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास (COBOL और FORTRAN)
इस के कुछ उदाहरण IBM 1401
तीसरी पीढ़ी (1964-1971):
एकीकृत सर्किट (IC) का उपयोग किया गया।
इसके आने से आकार में और भी कमी और बिजली खपत में भी कमी आई।
गति और क्षमता में भारी वृद्धि हुई।
मुख्य उपयोग: व्यक्तिगत और व्यावसायिक मे भी होने लगा।
मिनी कंप्यूटर का उदय हुआ।
IBM 360 और PDP-8 जैसे उदाहरण
चौथी पीढ़ी (1971-1985):
माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया।
Personal computer (pc) का विकास हुआ।
ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) पर ध्यान दिया गया।
computer अब पहले से ज्यादा घरो मे भी नजर आने लगे थे।
प्रमुख उदाहरण Apple II, IBM PC, Microsoft Windows
पांचवीं पीढ़ी (1985-वर्तमान):
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग का विकास होने लगा ।
क्लाउड कंप्यूटिंग और मोबाइल डिवाइस ।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और बिग डेटा ।
क्वांटम कंप्यूटिंग का उदय हुआ।
मुख्य उपयोग: व्यक्तिगत, व्यावसायिक, वैज्ञानिक और विभिन्न कार्यों भी अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है।
जैसे उदाहरण DeepMind ,IBM Watson
समाप्ति
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धन्यवाद 🙂
आपने बहुत ही सरल और सटीक तरीके से कंप्यूटर के बारे में जानकारी दी है।
धन्यवाद
nice information
धन्यवाद
Nice info, thank you Panda
धन्यवाद